मंकीपॉक्स क्या है?
मंकीपॉक्स एक वायरल संक्रमण है, जो चेचक (स्मॉलपॉक्स) की तरह दिखता है, लेकिन यह उससे कम घातक होता है। यह वायरस पहली बार 1958 में शोध के दौरान बंदरों में पाया गया था, जिससे इसे “मंकीपॉक्स” नाम दिया गया। हालांकि, यह केवल बंदरों से ही नहीं फैलता, बल्कि संक्रमित जानवरों (जैसे कुत्ते, चूहे) और इंसानों के बीच भी फैल सकता है।
भारत मे पहला मामला जुलाई 2022 मे सामने आया था उस समय लगभग 30 मामले आए थे
अब केरल मे 1 केस सामने आया है केरल सरकार ने इसे लेकर एडबिजारी जारी की है जिसमे सभी अधकारीयों से उचित साबधानी बरतने को कहा गया है मपॉक्स से रोकथाम के बारे मे जानकारी देने का आग्रह किया गया है
मंकीपॉक्स कैसे फैलता है? (Causes)
संक्रमित जानवरों से संपर्क: संक्रमित जानवरों जैसे बंदरों, चूहों, या कुत्तों के काटने, खरोंचने, या उनके शरीर से निकले तरल पदार्थों के संपर्क में आने से यह वायरस फैल सकता है।
इंसान से इंसान: संक्रमित व्यक्ति के शरीर के तरल पदार्थों, त्वचा के घावों, या श्वसन प्रणाली के स्राव के संपर्क में आने से यह एक व्यक्ति से दूसरे में फैल सकता है।
दूषित वस्त्र या सतह: यदि किसी संक्रमित व्यक्ति के वस्त्र या किसी सतह को छू लिया जाए, तो यह वायरस वहां से भी फैल सकता है।
मंकीपॉक्स के लक्षण (Symptoms)
मंकीपॉक्स के लक्षण आमतौर पर संक्रमण के 5 से 21 दिनों के भीतर प्रकट होते हैं। ये लक्षण 2 से 4 सप्ताह तक रह सकते हैं। मुख्य लक्षण निम्नलिखित हैं:
बुखार
सिरदर्द
मांसपेशियों में दर्द
पीठ दर्द
लिम्फ नोड्स में सूजन (लिम्फैडेनोपैथी)
ठंड लगना
थकान
चेहरे और शरीर पर फफोले (रैश) जो धीरे-धीरे फैलते हैं। ये फफोले चेचक की तरह होते हैं और पपड़ी बनने से पहले कई चरणों से गुजरते हैं।
मंकीपॉक्स का निदान (Diagnosis)
मंकीपॉक्स के लक्षण अन्य वायरल बीमारियों जैसे चेचक, चिकनपॉक्स या दाद से मिलते-जुलते हो सकते हैं। इसलिए सही निदान के लिए प्रयोगशाला परीक्षण आवश्यक होता है। निदान के लिए निम्नलिखित परीक्षण किए जा सकते हैं:
पीसीआर टेस्ट:यह वायरस की पहचान के लिए सबसे सटीक परीक्षण है।
ब्लड टेस्ट: शरीर में वायरस के खिलाफ बनी एंटीबॉडीज का पता लगाने के लिए किया जाता है।
रैश की बायोप्सी: त्वचा के फफोलों से लिए गए नमूनों की जांच की जाती है।
मंकीपॉक्स का उपचार (Treatment)
मंकीपॉक्स का कोई विशेष इलाज नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
एंटीवायरल दवाएं: टीकोविरिमैट (Tecovirimat) नामक एंटीवायरल दवा का उपयोग मंकीपॉक्स के गंभीर मामलों में किया जा सकता है।
सपोर्टिव केयर: बुखार, दर्द और फफोलों के इलाज के लिए दर्द निवारक दवाएं दी जा सकती हैं।
तरल पदार्थ का सेवन: रोगी को अधिक से अधिक तरल पदार्थ दिए जाते हैं ताकि शरीर में पानी की कमी न हो।
इम्यूनोग्लोबुलिन थेरेपी: यदि रोगी की हालत गंभीर है, तो उसे इम्यूनोग्लोबुलिन दिया जा सकता है जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ सके।
मंकीपॉक्स से बचाव के उपाय (Prevention)
संक्रमित जानवरों और व्यक्तियों से दूर रहें।
संक्रमित सतहों और वस्त्रों के संपर्क में आने से बचें।
अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी से धोएं।
चेचक का टीका मंकीपॉक्स के खिलाफ भी कुछ हद तक सुरक्षा प्रदान कर सकता है।
अस्वीकृत Diclaimar
इस लेख में उल्लेखित लेख सलाह और सुझाव केवल सामान्य जानकारी के लिए है इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए कोई भी परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें